STUDY OF DR. BHIMRAO AMBEDKAR'S SOCIAL THOUGHTS: SOCIOLOGICAL STUDY
डॉ० भीमराव अम्बेडकर के सामाजिक विचारों का अध्ययनः समाजशास्त्रीय अध्ययन
DOI:
https://doi.org/10.29121/shodhkosh.v4.i2.2023.5370Keywords:
Dr. Bhimrao Ambedkar, Social Thought, Social Consciousness, DiscriminationAbstract [English]
Baba Saheb wanted to develop a society in which there is an empire of equality, freedom and fraternity. Baba Saheb wanted to create social consciousness among the people but he considered social consciousness to be very important for social development and solution of social problems. According to Baba Saheb, social consciousness is the protector of the rights of the individual. The aim of the social struggle done by Dr. Bhimrao Ambedkar was to end the atrocities on the neglected class, but Baba Saheb wanted that all sections of the society should have equal place in all areas and people of all classes should be given equal opportunities to rise in life. For all these works, Dr. Bhimrao Ambedkar worked hard and diligently. In the research paper, it has been described that how Dr. Bhimrao Ambedkar tolerated untouchability and caste discrimination in the society and how he kept trying to solve this problem. In the presented research paper, the important changes made by Baba Saheb Dr. Bhimrao Ambedkar in the social field have been described.
Abstract [Hindi]
बाबा साहब एक ऐसे समाज का विकास करना चाहते थे जिसमें समानता स्वतन्त्रता और भ्रातृत्व का साम्राज्य हो। बाबा साहब लोगो में सामाजिक चेतना पैदा करना चाहते थे लेकिन सामाजिक विकास एवं सामाजिक समस्याओं के तुधार के लिए वे सामाजिक चेतना को अति आवश्यक मानते थे। बाबा साहब के अनुसार सामाजिक चेतना ही व्यक्ति के अधिकारों का रक्षक है। डॉ० भीमराव अम्बेडकर द्वारा किए गए सामाजिक संघर्ष का उद्देश्य उपेक्षित वर्ग पर होने वाले अत्याधारों को खत्म करना था परन्तु बाबा साहब चाहते थे कि समाज के सभी वर्गों का सभी क्षेत्रों में समान स्थान होना चाहिए और सभी वर्ग के लोगों को जीवन में उपर उठने के समान अवसर दिए जाए। इन सभी कार्यों के लिए डॉ० भीमराव अम्बेडकर जी ने कड़ी मेहनत व लगन से कार्य किया। शोधपत्र में यही वर्णन किया गया है कि डॉ० भीमराव अम्बेडकर ने जिस तरह से समाज में छुआछुत जातीय भेदभाव को सहन करके किस प्रकार से इस समस्या के समाधान हेतू प्रयासरत रहे। प्रस्तुतशोध पत्र में बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर के सामाजिक क्षेत्र में किए गए अहम बदलावों का वर्णन किया गया है।
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