A KEYSTONE OF 'MANUSCRIPT' PAINTING

‘पाण्डुलिपि’ चित्रकला का एक प्रमुख आधार

Authors

  • Dr. Jaya Jain Professor and Head of Department of Painting KRG College, Gwalior

DOI:

https://doi.org/10.29121/granthaalayah.v7.i11.2019.3744

Keywords:

पाण्डुलिपि, चित्रकला, आधार

Abstract [English]

The important manuscript of the history of Indian painting introduces cultural civilization and historical series. Ever since man hit the first scratch on the wall of the cave, he realized his art stability. In ancient times, man used to create different types of line drawings and figures from chadis or georimitti to express his feelings. Gradually the development of the script led to the work of writing on Bhikti paintings, inscriptions, copper plates, banquets. The manuscripts are also unique works of writing and illustration.


भारतीय चित्रकला के इतिहास का महत्वपूर्ण पृष्ठ पाण्डुलिपि सांस्कृतिक सभ्यता और ऐतिहासिक श्रृखंला का परिचय देती है। जब से मनुष्य ने गुफा की दीवार पर पहली खरोंच मारी उसे अपनी कला स्थिरता का ज्ञान हुआ। प्राचीन काल में मनुष्य अपने मनोभावों की अभिव्यक्ति के लिए खड़िया अथवा गेरूमिट्टी से विभिन्न प्रकार के रेखा चित्रों एवं आकृतियों की रचना किया करता था। धीरे-धीरे लिपि का विकास होने पर भिक्ति चित्रों षिलालेखों, ताम्रपत्रों, भोजपत्रांे पर लेखन का कार्य किया गया। पाण्डुलिपियां भी लेखन व चित्रण की अनुपम कृति है।

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References

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रिपोर्ट 2010-2011 राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिषन मानसिंह रोड़ नई दिल्ली पृं. 14

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Published

2019-11-30

How to Cite

Jain, J. (2019). A KEYSTONE OF ’MANUSCRIPT’ PAINTING: ‘पाण्डुलिपि’ चित्रकला का एक प्रमुख आधार. International Journal of Research -GRANTHAALAYAH, 7(11), 241–246. https://doi.org/10.29121/granthaalayah.v7.i11.2019.3744