Granthaalayah
A STUDY OF THE ATTITUDES OF RURAL AND URBAN B.ED. TRAINEES TOWARDS THE USE OF DIGITAL DEVICES

A STUDY OF THE ATTITUDES OF RURAL AND URBAN B.ED. TRAINEES TOWARDS THE USE OF DIGITAL DEVICES

ग्रामीण एवं शहरी बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों की डिजिटल उपकरणों के उपयोग के प्रति अभिवृत्ति का अध्ययन

 

Rajendra Kumar Devanda 1, Dr. Mohan Lal Jat 2

 

1 Research Scholar, Department of Education, Mohanlal Sukhadia University, Udaipur, India

2 Research Supervisor and Assistant Professor Faculty of Education, Vidya Bhavan Gandhi Institute of Educational Studies, Ramgiri, Udaipur, India

 

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ABSTRACT

English: In the current digital age, the role of digital tools in the field of education has become extremely important. It is especially crucial for B.Ed. trainees enrolled in teacher training programs to have a positive attitude towards digital tools, as this directly impacts their future teaching practices and educational quality. The present study aims to conduct a comparative analysis of the attitudes of rural and urban B.Ed. trainees towards the use of digital tools.

A descriptive survey method was employed for this study. The sample included B.Ed. trainees selected from both rural and urban areas. A self-developed attitude scale was used for data collection. The data was analyzed using mean, standard deviation, and t-test. The findings of the study revealed that urban B.Ed. trainees had a more positive attitude towards digital tools compared to their rural counterparts, although a generally positive attitude towards digital tools was observed in both groups.

 

Hindi: वर्तमान डिजिटल युग में शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल उपकरणों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। विशेष रूप से शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में अध्ययनरत बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों के लिए डिजिटल उपकरणों के प्रति सकारात्मक अभिवृत्ति होना आवश्यक है, क्योंकि यही भविष्य में उनके शिक्षण व्यवहार और शैक्षणिक गुणवत्ता को प्रभावित करता है। प्रस्तुत अध्ययन का उद्देश्य ग्रामीण एवं शहरी बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों की डिजिटल उपकरणों के उपयोग के प्रति अभिवृत्ति का तुलनात्मक अध्ययन करना है।

इस अध्ययन के लिए वर्णनात्मक सर्वेक्षण विधि का प्रयोग किया गया। न्यादर्श के रूप में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों से चयनित बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों को शामिल किया गया। डेटा संग्रह हेतु स्वनिर्मित अभिवृत्ति मापनी का प्रयोग किया गया। आंकड़ों का विश्लेषण मध्यमान, प्रमाप विचलन तथा टी-परीक्षण द्वारा किया गया। अध्ययन के निष्कर्षों से यह स्पष्ट हुआ कि शहरी बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों की डिजिटल उपकरणों के प्रति अभिवृत्ति ग्रामीण प्रशिक्षणार्थियों की तुलना में अधिक सकारात्मक पाई गई, तथापि दोनों वर्गों में डिजिटल उपकरणों के प्रति सामान्यतः सकारात्मक दृष्टिकोण देखने को मिला।

 

Received 07 August 2025

Accepted 05 September 2025

Published 31 October 2025

DOI 10.29121/granthaalayah.v13.i10.2025.6530  

Funding: This research received no specific grant from any funding agency in the public, commercial, or not-for-profit sectors.

Copyright: © 2025 The Author(s). This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.

With the license CC-BY, authors retain the copyright, allowing anyone to download, reuse, re-print, modify, distribute, and/or copy their contribution. The work must be properly attributed to its author.

 

Keywords: Trainees, Digital Devices, Attitude Towards Technology, Rural–Urban Differences, Educational Technology, ICT in Education, Digital Literacy, डिजिटल उपकरण, अभिवृत्ति, ग्रामीण एवं शहरी, बी.एड. प्रशिक्षणार्थी


1.   प्रस्तावना

सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के तीव्र एवं निरंतर विकास ने शिक्षा व्यवस्था के प्रत्येक स्तर को गहराई से प्रभावित किया है। वर्तमान समय में शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया केवल पाठ्यपुस्तकों, व्याख्यान विधि और पारंपरिक साधनों तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि इसमें डिजिटल उपकरणों का व्यापक समावेश हो चुका है। कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्टफोन, इंटरनेट, स्मार्ट बोर्ड, ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म, वर्चुअल कक्षाएँ तथा शैक्षिक मोबाइल अनुप्रयोगों ने शिक्षण को अधिक प्रभावशाली, रुचिकर, संवादात्मक एवं सुलभ बना दिया है। डिजिटल तकनीक के माध्यम से शिक्षार्थियों को विविध शैक्षिक संसाधनों तक त्वरित पहुँच प्राप्त होती है, जिससे उनके ज्ञान, कौशल एवं सृजनात्मक क्षमता का विकास संभव हो पाता है।

शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों, विशेषकर बी.एड. पाठ्यक्रम में अध्ययनरत प्रशिक्षणार्थियों के लिए डिजिटल उपकरणों के प्रति सकारात्मक अभिवृत्ति का होना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यही प्रशिक्षणार्थी भविष्य में विद्यालयों में शिक्षण का दायित्व संभालेंगे। यदि प्रशिक्षणार्थियों में डिजिटल उपकरणों के उपयोग के प्रति सकारात्मक सोच, आत्मविश्वास एवं दक्षता विकसित होती है, तो वे कक्षा-कक्ष में नवाचारपूर्ण एवं तकनीक-संवर्धित शिक्षण को प्रभावी ढंग से लागू कर सकते हैं। इसके विपरीत, नकारात्मक अभिवृत्ति शिक्षण प्रक्रिया को पारंपरिक सीमाओं में बाँध सकती है।

ग्रामीण एवं शहरी पृष्ठभूमि से आने वाले बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों के बीच डिजिटल संसाधनों की उपलब्धता, तकनीकी संपर्क, इंटरनेट सुविधा, प्रशिक्षण के अवसर तथा डिजिटल अनुभव में स्पष्ट अंतर पाया जाता है। शहरी क्षेत्रों में तकनीकी सुविधाओं की अधिक उपलब्धता के कारण प्रशिक्षणार्थियों का डिजिटल उपकरणों के प्रति संपर्क एवं प्रयोग अपेक्षाकृत अधिक होता है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में सीमित संसाधन एवं अवसर प्रशिक्षणार्थियों की अभिवृत्ति को प्रभावित कर सकते हैं। यही कारण है कि दोनों वर्गों के प्रशिक्षणार्थियों की डिजिटल उपकरणों के उपयोग के प्रति अभिवृत्ति में भिन्नता देखी जा सकती है।

इसी पृष्ठभूमि में प्रस्तुत अध्ययन ग्रामीण एवं शहरी बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों की डिजिटल उपकरणों के उपयोग के प्रति अभिवृत्ति का विश्लेषण करने का प्रयास करता है, जिससे यह समझा जा सके कि दोनों समूहों में डिजिटल तकनीक के प्रति दृष्टिकोण की स्थिति क्या है तथा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी बनाने हेतु किन पहलुओं पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।

 

2.   अध्ययन के उद्देश्य

1)     ग्रामीण एवं शहरी बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों की डिजिटल उपकरणों के उपयोग के प्रति अभिवृत्ति का अध्ययन करना।

2)     ग्रामीण एवं शहरी बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों की डिजिटल उपकरणों के उपयोग के प्रति अभिवृत्ति में अंतर का तुलनात्मक विश्लेषण करना।

 

3.   शोध परिकल्पनाएँ

1)     ग्रामीण एवं शहरी बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों की डिजिटल उपकरणों के उपयोग के प्रति अभिवृत्ति में कोई सार्थक अंतर नहीं है।

2)     ग्रामीण एवं शहरी दोनों बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों की डिजिटल उपकरणों के प्रति अभिवृत्ति सकारात्मक है।

 

4.   न्यादर्श

प्रस्तुत अध्ययन के लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों से कुल 200 बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों का चयन किया गया, जिनमें 100 ग्रामीण एवं 100 शहरी प्रशिक्षणार्थी शामिल थे।

 

5.   शोध विधि

प्रस्तुत अध्ययन में वर्णनात्मक सर्वेक्षण विधि का प्रयोग किया गया, जो अभिवृत्ति संबंधी अध्ययन के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

 

6.   शोध उपकरण

डेटा संग्रह हेतु स्वनिर्मित डिजिटल उपकरणों के उपयोग के प्रति अभिवृत्ति मापनी का प्रयोग किया गया।

 

7.   प्रयुक्त सांख्यिकी

आंकड़ों के विश्लेषण हेतु निम्नलिखित सांख्यिकीय तकनीकों का प्रयोग किया गया—

·        प्रतिशत (Percentage)

·        मध्यमान (Mean)

·        प्रमाप विचलन (Standard Deviation)

·        टी-परीक्षण (t-test)

 

8.   विश्लेषण एवं व्याख्या

परिकल्पना 1- ग्रामीण एवं शहरी बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों की डिजिटल उपकरणों के उपयोग के प्रति अभिवृत्ति में कोई सार्थक अंतर नहीं है।

सारणी

सारणी 1  ग्रामीण एवं शहरी बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों की डिजिटल उपकरणों के प्रति अभिवृत्ति का तुलनात्मक विश्लेषण

समूह

N

मध्यमान (Mean)

प्रमाप विचलन (SD)

t-मूल्य

स्तर (p)

ग्रामीण

100

72.4

8.6

3.52

0.001 (S)

शहरी

100

76.8

7.9

 

 

                   

व्याख्या

उपरोक्त सारणी से स्पष्ट होता है कि ग्रामीण बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों का डिजिटल उपकरणों के प्रति अभिवृत्ति का मध्यमान 72.4 तथा शहरी प्रशिक्षणार्थियों का मध्यमान 76.8 है। t-परीक्षण का मान 3.52 तथा p-मान 0.001 पाया गया, जो 0.05 स्तर से कम है। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि ग्रामीण एवं शहरी बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों की डिजिटल उपकरणों के उपयोग के प्रति अभिवृत्ति में सांख्यिकीय रूप से सार्थक अंतर विद्यमान है। अतः यह परिकल्पना अस्वीकृत की जाती है। शहरी प्रशिक्षणार्थियों की अभिवृत्ति ग्रामीण प्रशिक्षणार्थियों की तुलना में अधिक सकारात्मक पाई गई।

परिकल्पना 2 - ग्रामीण एवं शहरी दोनों बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों की डिजिटल उपकरणों के प्रति अभिवृत्ति सकारात्मक है।

सारणी 2

सारणी 2 ग्रामीण एवं शहरी बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों की डिजिटल उपकरणों के प्रति अभिवृत्ति (प्रतिशत के आधार पर)

समूह

N

उच्च सकारात्मक (%)

मध्यम सकारात्मक (%)

निम्न (%)

ग्रामीण

100

62%

28%

10%

शहरी

100

74%

21%

5%

 

व्याख्या

उपरोक्त सारणी से स्पष्ट होता है कि ग्रामीण बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों में 62 प्रतिशत प्रशिक्षणार्थियों की डिजिटल उपकरणों के प्रति अभिवृत्ति उच्च सकारात्मक तथा 28 प्रतिशत की मध्यम सकारात्मक पाई गई, जबकि केवल 10 प्रतिशत प्रशिक्षणार्थियों की अभिवृत्ति निम्न स्तर की रही। वहीं शहरी बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों में 74 प्रतिशत प्रशिक्षणार्थियों की अभिवृत्ति उच्च सकारात्मक, 21 प्रतिशत की मध्यम सकारात्मक तथा मात्र 5 प्रतिशत की अभिवृत्ति निम्न स्तर की पाई गई।

इन प्रतिशतात्मक परिणामों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि ग्रामीण एवं शहरी दोनों बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों में डिजिटल उपकरणों के उपयोग के प्रति अभिवृत्ति सामान्यतः सकारात्मक है। अतः द्वितीय शोध परिकल्पना पूर्णतः समर्थित सिद्ध होती है।

 

9.   निष्कर्ष

1)     ग्रामीण एवं शहरी बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों की डिजिटल उपकरणों के उपयोग के प्रति अभिवृत्ति में सार्थक अंतर पाया गया।

2)     शहरी बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों की डिजिटल उपकरणों के प्रति अभिवृत्ति ग्रामीण प्रशिक्षणार्थियों की तुलना में अधिक सकारात्मक पाई गई।

3)     प्रतिशतात्मक विश्लेषण से यह स्पष्ट हुआ कि ग्रामीण प्रशिक्षणार्थियों में 90 प्रतिशत तथा शहरी प्रशिक्षणार्थियों में 95 प्रतिशत प्रशिक्षणार्थियों की अभिवृत्ति सकारात्मक स्तर पर रही।

4)     दोनों समूहों में डिजिटल उपकरणों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विद्यमान है, किंतु शहरी प्रशिक्षणार्थियों में उच्च सकारात्मक अभिवृत्ति का प्रतिशत अधिक पाया गया।

5)     अध्ययन से यह निष्कर्ष निकलता है कि डिजिटल संसाधनों की उपलब्धता एवं तकनीकी संपर्क प्रशिक्षणार्थियों की अभिवृत्ति को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण कारक हैं।

 

10.   सुझाव

1)     ग्रामीण बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों के लिए विशेष डिजिटल प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएँ।

2)     शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों में पर्याप्त डिजिटल संसाधन और इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

3)     प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में डिजिटल उपकरणों के व्यावहारिक प्रयोग को अनिवार्य किया जाए।

4)     ग्रामीण एवं शहरी प्रशिक्षणार्थियों के बीच डिजिटल अंतर को कम करने हेतु विशेष योजनाएँ बनाई जाएँ।

5)     भविष्य के शोध में अन्य शैक्षणिक स्तरों और क्षेत्रों को शामिल कर अध्ययन का विस्तार किया जाए।

 

REFERENCES

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