Granthaalayah
STUDY OF AWARENESS OF TEACHERS TOWARDS NEW EDUCATION POLICY 2020

STUDY OF AWARENESS OF TEACHERS TOWARDS NEW EDUCATION POLICY 2020

नई शिक्षा नीति 2020 के प्रति शिक्षकों में जागरूकता का अध्ययन

 

Sarita Sharma 1, Dr. Devendra Kumar Agarwal 2

 

1 Researcher, Kota University, Kota, India

2 Research Supervisor, (Principal, Saurabh College of Teacher Training Kheda, Hindaun City), India

 

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ABSTRACT

English: The objective of the presented research work was to study the awareness of secondary school teachers towards New Education Policy 2020 in the following context. For this, survey method has been used. In the sample, 400 secondary level teachers of Jaipur district have been selected by random method, out of which 200 are government and 200 are non-government teachers. Self-made awareness scale (in the context of new education policy) was used to study the research problem. Mean, standard deviation and t-test have been used for data analysis in the research. In conclusion, it was found that there is no significant difference between teachers of government and non-government schools in terms of awareness towards New Education Policy 2020. There is no significant difference between teachers of urban and rural schools in terms of awareness towards the New Education Policy 2020.

 

Hindi: प्रस्तुत शोधकार्य का उद्देश्य नई शिक्षा नीति 2020 के प्रति सैकण्डरी विद्यालय के शिक्षकों की जागरूकता का निम्न के संदर्भ में अध्ययन करना था। इस हेतु सर्वेक्षण विधि का प्रयोग किया गया है। न्यादर्श में जयपुर जिले के माध्यमिक स्तर के 400 शिक्षकों का यादृच्छिक विधि से चयन किया गया है, जिनमें से 200 राजकीय एवं 200 गैर राजकीय शिक्षक हैं। शोध समस्या के अध्ययन के लिए स्वनिर्मित - जागरूकता मापनी (नई शिक्षा नीति के संदर्भ में) का प्रयोग किया । शोध में आँकड़ों के विश्लेषण हेतु मध्यमान, प्रमाणिक विचलन और टी-परीक्षण का प्रयोग किया है। निष्कर्ष में यह पाया कि नई शिक्षा नीति 2020 के प्रति जागरूकता के संदर्भ में राजकीय एवं गैर राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों में कोई सार्थक अंतर नहीं है।   नई शिक्षा नीति 2020 के प्रति जागरूकता के संदर्भ में शहरी एवं ग्रामीण परिवेश के विद्यालयों के शिक्षकों में कोई सार्थक अंतर नहीं है।

 

Received 30 April 2025

Accepted 20 May 2025

Published 17 June 2025

DOI 10.29121/granthaalayah.v13.i5.2025.6223  

Funding: This research received no specific grant from any funding agency in the public, commercial, or not-for-profit sectors.

Copyright: © 2025 The Author(s). This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.

With the license CC-BY, authors retain the copyright, allowing anyone to download, reuse, re-print, modify, distribute, and/or copy their contribution. The work must be properly attributed to its author.

 

Keywords: Awareness, Study, Teachers, New Education Policy 2020, Research, Method जागरूकता, अध्ययन, शिक्षक, नई शिक्षा नीति 2020, शोध, विधि


1.   प्रस्तावना

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) भारत सरकार द्वारा घोषित एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ है, जो 21वीं सदी की शैक्षिक आवश्यकताओं, वैश्विक मानकों, और भारतीय समाज की विविधताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। यह नीति केवल एक शैक्षिक सुधार नहीं, बल्कि एक वैचारिक और संस्थागत पुनर्रचना का प्रयास है, जिसका उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली को समावेशी, लचीला, बहु-विषयक, मूल्य-आधारित और वैश्विक प्रतिस्पर्धा योग्य बनाना है। यह नीति 34 वर्षों बाद प्रस्तुत की गई, जो स्वयं इस बात का संकेत है कि भारत की शैक्षिक व्यवस्था में व्यापक सुधार की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य भारत की शिक्षा प्रणाली को बदलना है और यह नीति भारत को बदलने में सीधे प्रकार से योगदान प्रदान करती है और भारतीय लोकाचार में निहित शिक्षा प्रणाली को देखती है। इसका उद्देश्य धर्म, लिंग, जाति या पंथ के किसी भी भेदभाव के बिना, सभी को बढ़ने और विकसित होने के लिए एक समान मंच प्रदान करना और सभी को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करके मौजूदा जीवंत ज्ञान समाज को बनाए रखना और उसकी देखभाल करना है। यह भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाने की दिशा में भी एक कदम है। इस नीति में यह परिकल्पना की गई है कि हमारे संस्थानों के समान पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र को,छात्रों में मौलिक कर्तव्यों के प्रति सम्मान की भावना पैदा करनी चाहिए और संवैधानिक मूल्यों, अपने देश और एक बदलती दुनिया के साथ एक संबंध पैदा करना चाहिए। इस नीति का दृष्टिकोण शिक्षार्थियों के बीच ज्ञान, कौशल, आत्मविश्वास, बुद्धि और कर्म के साथ न केवल विचार बल्कि मूल्यों और दृष्टिकोणों में भी विकास करना है, जो मानव अधिकारों, सतत विकास और जीवन का समर्थन करते हैं और वैश्विक कल्याण के लिए एक जिम्मेदार प्रतिबद्धता, जिससे वास्तव में एक वैश्विक नागरिक प्रतिबिंबित होता है।

 

2.   अध्ययन की आवश्यकता

शिक्षक समाज में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं, और उनके बीच NEP 2020 के प्रति जागरूकता की स्थिति का अभाव इसके पूर्ण प्रभावी क्रियान्वयन में बाधा उत्पन्न कर सकता है। यह देखा गया है कि कई शिक्षक अभी भी पुराने शिक्षण तरीकों और पारंपरिक दृष्टिकोणों में सीमित हैं, और उन्हें नीति के लक्ष्यों के बारे में उपयुक्त मार्गदर्शन और प्रशिक्षण नहीं मिला है। उदाहरण के तौर पर, नीति के अंतर्गत प्रस्तावित बहु-विषयक शिक्षा प्रणाली और कौशल आधारित शिक्षा का कार्यान्वयन तभी संभव है जब शिक्षक इन पहलुओं से परिचित हों और उन्हें छात्रों को यह समझाने और लागू करने के लिए उपयुक्त संसाधन और प्रशिक्षण प्राप्त हो।

इसके अतिरिक्त, शिक्षक जो NEP 2020 के महत्व को समझते हैं, वे अपने छात्रों के साथ उस ज्ञान का आदान-प्रदान करने में सक्षम होंगे। मातृभाषा में शिक्षा का उद्देश्य विशेष रूप से शिक्षकों द्वारा कुशल शिक्षण विधियों के साथ व्यवहारिक रूप से लागू किया जा सकता है। इस प्रकार, शिक्षकों का प्रशिक्षण और उनकी जागरूकता इस नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए एक निर्णायक भूमिका निभाता है।

भारत में शिक्षकों का एक बड़ा हिस्सा ऐसे क्षेत्रों से आता है, जहां संवेदनशीलता और तकनीकी प्रशिक्षण की कमी है, और NEP 2020 के विकासशील और डिजिटल पहलुओं की उपयुक्त जानकारी नहीं है। यह अध्ययन इसलिए अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह शिक्षकों के बीच नीति की प्रभावशीलता, उनके प्रशिक्षण की आवश्यकता, और जागरूकता के स्तर को मापेगा। इससे यह भी स्पष्ट होगा कि शिक्षकों को इस नीति के बारे में किस प्रकार का प्रशिक्षण और संसाधन सहायता प्रदान की जानी चाहिए ताकि वे नीति के अनुसार शैक्षिक परिवर्तनों का उचित रूप से क्रियान्वयन कर सकें।

इस अध्ययन के परिणामों से प्राप्त ज्ञान और डेटा नीति निर्माताओं को यह मार्गदर्शन प्रदान करेगा कि शिक्षकों को जागरूक करने और प्रशिक्षित करने के लिए कौन-कौन से संसाधन, योजनाएँ, और रणनीतियाँ विकसित की जाएं। इसके माध्यम से शिक्षकों की भूमिका को अधिक सशक्त किया जा सकेगा, और वे NEP 2020 के उद्देश्य की प्राप्ति में सशक्त रूप से भागीदार बन सकेंगे।

 

3.   शोध के उद्देश्य

1)     नई शिक्षा नीति 2020 के प्रति सैकण्डरी विद्यालय के शिक्षकों की जागरूकता का निम्न के संदर्भ में अध्ययन करना-

·        विद्यालयों की प्रकृति: राजकीय एवं गैर राजकीय

·        विद्यालयों का परिवेश: शहरी एवं ग्रामीण

 

 

 

4.   परिकल्पना

1)     नई शिक्षा नीति 2020 के प्रति जागरूकता के संदर्भ में राजकीय एवं गैर राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों में कोई सार्थक अंतर नहीं है।

2)     नई शिक्षा नीति 2020 के प्रति जागरूकता के संदर्भ में शहरी एवं ग्रामीण परिवेश के विद्यालयों के शिक्षकों में कोई सार्थक अंतर नहीं है।

 

5.   शोध विधि

प्रस्तुत अध्ययन में सर्वेक्षण विधि का प्रयोग किया गया है।

शोध में प्रयुक्त चर

प्रस्तुत अध्ययन में प्रयुक्त चर निम्नलिखित हैं-

·        स्वतंत्र चर: नई शिक्षा नीति

·        आश्रित चर: शिक्षकों की जागरूकता

 

6.   शोध की जनसंख्या

प्रस्तुत शोधकार्य में जनसंख्या के रूप में जयपुर जिले के माध्यमिक स्तर के शिक्षकों का चयन किया गया है। वर्तमान में जयपुर जिले में माध्यमिक स्तर पर कुल 4493 शिक्षक कार्यरत है।

 

6.1.      शोध में चयनित न्यादर्श

प्रस्तुत अध्ययन में न्यादर्श में जयपुर जिले के माध्यमिक स्तर के 400 शिक्षकों का यादृच्छिक विधि से चयन किया गया है, जिनमें से 200 राजकीय एवं 200 गैर राजकीय शिक्षक हैं।

 

6.2.      शोध के उपकरण

शोधकर्ता ने अपनी शोध समस्या के अध्ययन के लिए स्वनिर्मित - जागरूकता मापनी (नई शिक्षा नीति के संदर्भ में) का प्रयोग किया है।

 

6.3.      सांख्यिकी तकनीकी

प्रस्तुत शोध में आँकड़ों के विश्लेषण हेतु मध्यमान, प्रमाणिक विचलन और टी-परीक्षण का प्रयोग किया है।

 

7.   व्याख्या एवं विश्लेषण

H01 - नई शिक्षा नीति 2020 के प्रति जागरूकता के संदर्भ में राजकीय एवं गैर राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों में कोई सार्थक अंतर नहीं है।

 

 

तालिका 1

तालिका 1 नई शिक्षा नीति 2020 के प्रति जागरूकता के संदर्भ में राजकीय सैकण्डरी एवं गैर राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों में अंतर

आयाम

समूह

संख्या

मध्यमान

प्रमाणिक विचलन

‘टी’ मान

परिणाम

जागरूकता

राजकीय शिक्षक

200

82.61

12.67

1.02

स्वीकृत

 

गैर राजकीय शिक्षक

200

81.32

11.82

 

 

          

8.   व्याख्या एवं विश्लेषण

तालिका संख्या 1 में नई शिक्षा नीति 2020 के प्रति जागरूकता के संदर्भ में राजकीय सैकण्डरी एवं गैर राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों में अंतर को प्रदर्शित किया गया है। तालिका में प्रदर्शित प्रदत्तों से यह स्पष्ट है कि नई शिक्षा नीति 2020 के प्रति जागरूकता में राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों का मध्यमान 82.61 एवं प्रमाणिक विचलन 12.67 है। वही गैर राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों का मध्यमान 81.32 एवं प्रमाणिक विचलन 11.82 है। जिससे टी-परीक्षण का मान 1.05 प्राप्त हुआ है जो सार्थकता स्तर के आवश्यक मान से कम है। अतः शून्य परिकल्पना स्वीकृत होती है।

इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि नई शिक्षा नीति 2020 के प्रति जागरूकता के संदर्भ में राजकीय एवं गैर राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों में कोई सार्थक अंतर नहीं है।

H02 - नई शिक्षा नीति 2020 के प्रति जागरूकता के संदर्भ में शहरी एवं ग्रामीण परिवेश के विद्यालयों के शिक्षकों में कोई सार्थक अंतर नहीं है।

तालिका 2

तालिका 2 ई शिक्षा नीति 2020 के प्रति जागरूकता के संदर्भ में शहरी एवं ग्रामीण परिवेश के विद्यालयों के शिक्षकों में अंतर

आयाम

समूह

संख्या

मध्यमान

प्रमाणिक विचलन

‘टी’ मान

परिणाम

जागरूकता

शहरी शिक्षक

211

85.11

8.16

0.79

स्वीकृत

 

ग्रामीण शिक्षक

189

84.45

9.56

 

 

                       

9.   व्याख्या एवं विश्लेषण

तालिका संख्या 2 में नई शिक्षा नीति 2020 के प्रति जागरूकता के संदर्भ में शहरी एवं ग्रामीण परिवेश के विद्यालयों के शिक्षकों में अंतर को प्रदर्शित किया गया है। तालिका में प्रदर्शित प्रदत्तों से यह स्पष्ट है कि नई शिक्षा नीति 2020 के प्रति जागरूकता में शहरी परिवेश के शिक्षकों का मध्यमान 85.11 एवं प्रमाणिक विचलन 8.16 है। वही ग्रामीण परिवेश के शिक्षकों का मध्यमान 84.45 एवं प्रमाणिक विचलन 9.56 है। जिससे टी-परीक्षण का मान 0.79 प्राप्त हुआ है जो सार्थकता स्तर के आवश्यक मान से कम है। अतः शून्य परिकल्पना स्वीकृत होती है।

इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि नई शिक्षा नीति 2020 के प्रति जागरूकता के संदर्भ में शहरी एवं ग्रामीण परिवेश के विद्यालयों के शिक्षकों में कोई सार्थक अंतर नहीं है।

 

10.सुझाव

·        NEP 2020 के सभी प्रमुख प्रावधानों को पढ़ें और उनकी वास्तविक शिक्षा व्यवस्था में प्रासंगिकता को समझें।

·        नियमित रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रमों, कार्यशालाओं व वेबिनार्स में भाग लें, विशेषकर NEP आधारित।

·        शिक्षण में बाल-केंद्रित, समावेशी, और आनंददायक विधियों को अपनाएँ।

·        मातृभाषा आधारित शिक्षण, 5+3+3+4 संरचना, और मूल्य आधारित शिक्षा जैसे पहलुओं को कक्षा में लागू करें।

·        मूल्यांकन पद्धति में बदलाव लाते हुए समग्र मूल्यांकन को अपनाने की दिशा में कार्य करें।

·        अन्य शिक्षकों के साथ मिलकर NEP 2020 पर संवाद करें और नवाचारों को साझा करें।

 

CONFLICT OF INTERESTS

None. 

 

ACKNOWLEDGMENTS

None.

 

REFERENCES

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