Granthaalayah
INTERNATIONALIZATION OF HIGHER EDUCATION AND ITS PROVISIONS IN NEP 2020

Internationalization of Higher Education and its Provisions in NEP 2020

उच्च शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में इसके प्रावधान

 

Rajendra Singh Bajia 1, Dr. Ramesh Chandra Nagda 2

 

1 Research Scholar, Faculty of Education, Mohanlal Sukhadia University, Udaipur, India

2 Research Supervisor, Principal - Faculty of Education the Noble Teacher Training College, Kherwada, Udaipur, India

 

A picture containing logo

Description automatically generated

ABSTRACT

English: The National Education Policy 2020 (NEP 2020) is an important effort towards transforming the education system in India according to the needs of the 21st century. This policy presents internationalization as a key component to make higher education compatible with global standards. This research paper analyzes the concept, need, current scenario of internationalization of higher education, and its various provisions in NEP 2020. Also, the opportunities and challenges facing India in this direction have also been discussed. At the end of the research, some important suggestions have been presented for the effective implementation of the policy. This study can prove useful for education policy makers, researchers, academicians, and all stakeholders who want to understand the implications of the policy.

 

Hindi: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) भारत में शिक्षा प्रणाली को 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुसार परिवर्तित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है। यह नीति उच्च शिक्षा को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने हेतु अंतर्राष्ट्रीयकरण को एक प्रमुख घटक के रूप में प्रस्तुत करती है। इस शोध पत्र में उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण की अवधारणा, आवश्यकता, वर्तमान परिदृश्य, एवं NEP 2020 में इसके विविध प्रावधानों का विश्लेषण किया गया है। साथ ही, इस दिशा में भारत के समक्ष विद्यमान अवसरों एवं चुनौतियों की भी चर्चा की गई है। शोध के अंत में, नीति के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु कुछ महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए गए हैं। यह अध्ययन शिक्षा नीति निर्माताओं, अनुसंधानकर्ताओं, शिक्षाविदों एवं नीति के प्रभावों को समझने वाले सभी हितधारकों के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकता है।

 

Received 16 February 2024

Accepted 05 March 2024

Published 31 March 2025

DOI 10.29121/granthaalayah.v13.i1.2025.6070  

Funding: This research received no specific grant from any funding agency in the public, commercial, or not-for-profit sectors.

Copyright: © 2025 The Author(s). This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.

With the license CC-BY, authors retain the copyright, allowing anyone to download, reuse, re-print, modify, distribute, and/or copy their contribution. The work must be properly attributed to its author.

 

Keywords: NEP 2020, Internationalisation of Higher Education, Online Platforms, NEP 2020, उच्च शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स


1.   प्रस्तावना

21वीं सदी में शिक्षा का परिदृश्य वैश्विक स्तर पर तीव्र गति से परिवर्तित हो रहा है। उच्च शिक्षा अब केवल सीमित क्षेत्र या देश तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसका अंतर्राष्ट्रीयकरण (Internationalisation) एक अनिवार्य आवश्यकता बन चुका है। अंतर्राष्ट्रीयकरण का आशय है – ज्ञान, विद्यार्थियों, शिक्षकों, पाठ्यक्रमों और शोध का वैश्विक स्तर पर आदान-प्रदान। भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) एक दूरदर्शी दस्तावेज है जिसने उच्च शिक्षा में अंतर्राष्ट्रीयकरण को एक महत्त्वपूर्ण आयाम के रूप में स्वीकार किया है।

 

 

2.   उच्च शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण: एक परिचय

उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण का तात्पर्य है विश्व के विभिन्न देशों के बीच शिक्षा संसाधनों, विद्यार्थियों, शैक्षिक कार्यक्रमों, शैक्षणिक गुणवत्ता और अनुसंधान में सहयोग को प्रोत्साहित करना। इसके अंतर्गत मुख्यतः निम्नलिखित आयाम शामिल होते हैं:

·        विदेशी विद्यार्थियों को आकर्षित करना

·        शैक्षणिक व अनुसंधान सहयोग

·        संयुक्त डिग्री कार्यक्रम

·        अंतर्राष्ट्रीय पाठ्यक्रमों का विकास

·        ऑनलाइन एवं ब्लेंडेड शिक्षा के माध्यम से वैश्विक शिक्षा पहुंच

 

2.1.     अंतर्राष्ट्रीयकरण की आवश्यकता

भारत जैसे विकासशील देश के लिए उच्च शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण निम्न कारणों से आवश्यक है:

·        वैश्विक प्रतिस्पर्धा में छात्रों की दक्षता बढ़ाना

·        अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार

·        सांस्कृतिक विविधता को आत्मसात करना

·        विदेशी मुद्रा अर्जित करना

·        'ग्लोबल सिटिज़न' के रूप में छात्रों का विकास

 

3.   भारत में उच्च शिक्षा की वर्तमान स्थिति

भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली विश्व की तीसरी सबसे बड़ी प्रणाली है, परंतु गुणवत्ता के मामले में यह अपेक्षित स्थान नहीं पा सकी है। अधिकांश विश्वविद्यालय वैश्विक रैंकिंग में पीछे हैं। शोध एवं नवाचार में भारत की स्थिति चिंताजनक रही है। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग व प्रतिस्पर्धा का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है।

 

4.    राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का परिचय

NEP 2020 भारत सरकार द्वारा जुलाई 2020 में पारित की गई नई शिक्षा नीति है, जो 34 वर्षों बाद लाई गई है। यह नीति शिक्षा को समग्र, बहुआयामी, लचीला और समावेशी बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है। इसमें उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण को विशेष रूप से उल्लेखित किया गया है।

·        NEP 2020 में उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के प्रावधान: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में अंतर्राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा देने हेतु अनेक महत्त्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं, जो निम्नलिखित हैं:

·        विदेशी विश्वविद्यालयों की स्थापना: नीति में यह प्रावधान है कि विश्व के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों को भारत में अपने कैंपस स्थापित करने की अनुमति दी जाएगी। इससे भारतीय छात्रों को वैश्विक गुणवत्ता की शिक्षा देश में ही उपलब्ध हो सकेगी।

·        क्रेडिट ट्रांसफर और अकादमिक सहयोग: भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों को विदेशी संस्थानों के साथ अकादमिक साझेदारी, संयुक्त डिग्री कार्यक्रम और क्रेडिट ट्रांसफर की अनुमति दी गई है। इससे विद्यार्थी वैश्विक पाठ्यक्रमों का लाभ उठा सकते हैं।

·        वैश्विक शैक्षिक मंचों पर भारत की सहभागिता: नीति में भारतीय विश्वविद्यालयों को अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग व साझेदारी में सक्रिय भागीदारी करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। इसके लिए ‘इंटरनेशनल एजुकेशन सेल’ की स्थापना का प्रस्ताव है।

·        भारत को वैश्विक अध्ययन केंद्र बनाना: NEP 2020 का लक्ष्य भारत को “Global Study Destination” के रूप में विकसित करना है। इसके लिए विदेशी छात्रों के लिए आकर्षक छात्रवृत्तियाँ, वीज़ा प्रक्रिया को सरल बनाना, और विशेष सुविधाएँ प्रदान करने की बात कही गई है।

·        भारतीय ज्ञान परंपरा का प्रचार-प्रसार: नीति में भारतीय भाषाओं, संस्कृति, योग, आयुर्वेद, वेदों, शास्त्रों आदि का वैश्विक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने हेतु पाठ्यक्रमों के डिज़ाइन और अनुवाद की बात की गई है।

·        डिजिटल शिक्षा और ओपन लर्निंग: NEP 2020 ने डिजिटल शिक्षा, MOOCs, और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से वैश्विक स्तर पर शिक्षा के आदान-प्रदान को बल दिया है। इससे भारतीय पाठ्यक्रमों की पहुंच विश्व के छात्रों तक हो सकती है।

 

5.   संभावनाएँ और अवसर

·        वैश्विक रैंकिंग में सुधार: विदेशी विशेषज्ञता से भारतीय विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता में सुधार होगा।

·        रोजगार के अवसर: अंतर्राष्ट्रीय अनुभव से छात्रों की वैश्विक जॉब मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।

·        अनुसंधान व नवाचार: संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं से नवाचार को बल मिलेगा।

·        संस्कृति व विचारों का आदान-प्रदान: विभिन्न संस्कृतियों के मेल से वैश्विक नागरिकता को बढ़ावा मिलेगा।

 

6.    चुनौतियाँ और समस्याएँ

·        गुणवत्ता नियंत्रण: विदेशी विश्वविद्यालयों की निगरानी और गुणवत्ता सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण होगा।

·        मूल्यवृद्धि: विदेशी शिक्षा महँगी होने से समान अवसर का प्रश्न उठता है।

·        सांस्कृतिक प्रभाव: भारतीय शिक्षा प्रणाली पर पश्चिमी प्रभाव बढ़ सकता है।

·        प्रवासी मस्तिष्क पलायन (Brain Drain): मेधावी छात्रों का विदेश गमन बढ़ सकता है।

 

7.   समाधान और सुझाव

UGC और अन्य नियामक निकायों को स्पष्ट दिशा-निर्देशों के साथ कार्य करना चाहिए।

समानता और समावेशन के सिद्धांतों का पालन करते हुए छात्रवृत्तियों की व्यवस्था की जानी चाहिए।

भारतीय मूल्य आधारित शिक्षा को बनाए रखते हुए विदेशी सहयोग को संतुलित किया जाए।

विदेशी विश्वविद्यालयों की स्थापना में गुणवत्ता, पारदर्शिता व सार्वजनिक हित को प्राथमिकता दी जाए।

 

 

 

 

8.   निष्कर्ष

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। इसमें अंतर्राष्ट्रीयकरण को शिक्षा की गुणवत्ता, समावेशन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा से जोड़कर प्रस्तुत किया गया है। यदि नीति के प्रावधानों को समुचित रूप से लागू किया जाए, तो भारत न केवल वैश्विक शिक्षा केंद्र बन सकता है, बल्कि भारतीय छात्र भी वैश्विक नागरिक के रूप में उभर सकते हैं।

 

 

संदर्भ

Agarwal, P. (2009). Indian Higher Education: Envisioning the Future. SAGE Publications, New Delhi.

Altbach, P.G. & Knight, J. (2007). The Internationalization of Higher Education: Motivations and Realities. Journal of Studies in International Education, 11(3-4), 290-305.

भारत सरकार (2020). राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020। मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नई दिल्ली। https://www.education.gov.in

Knight, J. (2004). Internationalization Remodeled: Definition, Approaches and Rationales. Journal of Studies in International Education, 8(1), 5-31.

Kumar, K. (2021). “भारत में उच्च शिक्षा और अंतर्राष्ट्रीयकरण: नीतिगत दृष्टिकोण,” भारतीय शिक्षा समीक्षा, खंड 47, अंक 3, पृष्ठ 45-59

UNESCO (2020). Education in a post-COVID world: Nine ideas for public action. Paris: UNESCO Publishing.

University Grants Commission (UGC). (2021). Guidelines for Internationalisation of Higher Education. नई दिल्ली: यूजीसी।

    

Creative Commons Licence This work is licensed under a: Creative Commons Attribution 4.0 International License

© Granthaalayah 2014-2025. All Rights Reserved.